गुरुवार, 2 मई 2024

Sound


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 *Science/विज्ञान* 

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 *ध्वनि तरंग* 

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1.*ध्वनि तरंग अनुदैर्ध्य यांत्रिक तरंगें होती हैं।*


2. *ध्वनि तरंगों का आवृत्ति परिसर :* 

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1. *अवश्रव्य तरंगें (Infrasonic Waves): (20 Hz से नीचे की आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों) को 'अवश्रव्य तरंगें' कहते हैं। इसे हमारा कान सुन नहीं सकता है। इस प्रकार की तरंगों को बहुत बड़े आकार के स्रोतों से उत्पन्न किया जा सकता है।*


2. *श्रव्य तरंगें (Audible Waves): (20Hz से 20,000 Hz) के बीच की आवृत्ति वाली तरंगों को 'श्रव्य तरंग' कहते हैं। इन तरंगों को हमारा कान सुन सकता है।*


3. *पराश्रव्य तरंगें (Ultrasonic Wave): (20,000 Hz से ऊपर की आवृत्ति वाली तरंगों) को पराश्रव्य तरंगें कहा जाता है। मनुष्य के कान इसे नहीं सुन सकता है। परन्तु कुछ जानवर जैसे- कुत्ता, बिल्ली, चमगादड़ आदि, इसे सुन सकते हैं। इन तरंगों को (गाल्टन की सीटी के द्वारा तथा दाब विद्युत् प्रभाव की विधि द्वारा क्वार्ट्ज के क्रिस्टल के कम्पनों से उत्पन्न करते) हैं। इन तरंगों की आवृत्ति बहुत ऊँची होने के कारण इसमें बहुत अधिक ऊर्जा होती है। साथ ही इनका तरंगदैर्ध्य छोटी होने के कारण इन्हें एक पतले किरण-पुंज के रूप में बहुत दूर तक भेजा जा सकता है।*



 *पराश्रव्य तरंगों के उपयोग:* 

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 *1. संकेत भेजने में* 


 *2. समुद्र की गहराई का पता लगाने में* 


 *3. कीमती कपड़ों, वायुयान तथा घड़ियों के पुर्जों को साफ करने में* 


 *4. कल-कारखानों की चिमनियों से कालिख हटाने में* 


 *5. दूध के अन्दर के हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करने में* 


 *6. गठिया रोग के उपचार एवं मस्तिष्क के ट्यूमर का पता लगाने में* 


 *7. भ्रूण की जाँच करने में* 


 *8. गुर्दा में बनने वाली पथरी की जाँच करने में तथा उसे तोड़ने में।* 

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