गुरुवार, 2 मई 2024

चुम्बक


 *Science/विज्ञान* 

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 *चुम्बकत्व* 

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1. *प्राकृतिक चुम्बक लोहे का ऑक्साइड (Fe3O4) है।* 

2. *इसका कोई निश्चित आकार नहीं होता है।*


3. *कृत्रिम विधियों द्वारा बनाए गये चुम्बक को कृत्रिम चुम्बक कहते हैं; यह लोहा, इस्पात कोबाल्ट आदि से बनाया जा सकता है।* 

4. *यह विभिन्न आकृति की होती है, जैसे-छड़ चुम्बक, घोड़ानाल चुम्बक, चुम्बकीय सूई आदि ।*


5. *चुम्बक लोहे को अपनी ओर आकर्षित करता है, इस गुण को चुम्बकत्व कहते हैं।* 

6. *चुम्बक के सिरों के समीप चुम्बकत्व सबसे अधिक होता है।* 

7. *वे क्षेत्र चुम्बक के ध्रुव (pole) कहलाते हैं।* 

8. *चुम्बक के ठीक मध्य में चुम्बकत्व नहीं होता।*


9. चुम्बक को क्षैतिज तल में स्वतंत्रतापूर्वक लटकाने पर *उसका एक ध्रुव सदैव उत्तर की ओर* तथा *दूसरा ध्रुव सदैव दक्षिण की ओर ठहरता* है। उत्तर की ओर ठहरने वाले ध्रुव को उत्तरी ध्रुव तया दक्षिण की ओर ठहरने वाले ध्रुव को दक्षिणी ध्रुव कहते हैं।


10. *चुम्बक के दो ध्रुवों को मिलाने वाली रेखा को चुम्बकीय अक्ष कहते* है।


11. *समान ध्रुव में प्रतिकर्षण* एवं *असमान ध्रुव में आकर्षण होता है।*


*नोट: यदि किसी चुम्बक का तीसरा ध्रुव हो, तो तीसरा ध्रुव परिणामी ध्रुव कहलाता है।*


12. *चुम्बक चुम्बकीय पदार्थों में प्रेरण (Induction) द्वारा चुम्बकत्व उत्पन्न कर देता है।*


13. .*चुम्बकीय क्षेत्र (मैग्नेटिक Field) :* 

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चुम्बक के चारों ओर *वह क्षेत्र, जिसमें चुम्बक के प्रभाव का अनुभव किया जा सकता है, 'चुम्बकीय क्षेत्र' कहलाता है।*


14.*चुम्बकीय  क्षेत्र की तीव्रता:*

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 चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र के लम्बवत् एकांक लम्बाई का ऐसा चालक तार रखा जाए जिसमें एकांक प्रबलता की धारा प्रवाहित हो रही हो तो चालक पर लगने वाला बल ही चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता की माप होगी। *चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता एक सदिश राशि है।* इसका *मात्रक न्यूटन ऐम्पियर-मी. अथवा वेबर/मी2 या टेसला (T) होता है।*


15.*चुम्बकीय बल रेखाएँ (Magnetic Lines of Force):*

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चुम्बकीय क्षेत्र में बल-रेखाएँ वे काल्पनिक रेखाएँ हैं, जो उस स्थान में चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को अविरत प्रदर्शन करती हैं। *चुम्बकीय बल-रेखा के किसी भी बिन्दु पर खींची गई स्पर्श-रेखा उस बिदु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को प्रदर्शित करती है।*


*नोट : चुम्बकीय सुई उत्तर की तरफ संकेत करती है। मुक्त रूप से लटकी हुई चुम्बकीय सुई का अक्ष भौगोलिक अक्ष के साथ 18° का कोण बनाती है।* 


16.*चुम्बकीय बल-रेखाओं के गुण :*

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1.*चुम्बकीय बल-रेखाएँ सदैव चुम्बक के उत्तरी ध्रुव से निकलती हैं, तथा वक्र बनाती हुई दक्षिणी ध्रुव में प्रवेश कर जाती हैं और चुम्बक के अन्दर से होती हुई पुनः उत्तरी ध्रुव पर वापस आती हैं।*


2. *दो बल-रेखाएँ एक-दूसरे को कभी नहीं काटतीं।*


3. *चुम्बकीय क्षेत्र जहाँ प्रबल होता है वहाँ बल-रेखाएँ पास-पास होती हैं।*


4. *एक समान चुम्बकीय क्षेत्र की बल-रेखाएँ परस्पर समान्तर एवं बराबर-बराबर दूरियों पर होती हैं।*


17.*चुम्बकीय पदार्थ (Magnetic Substances):*

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1. *प्रति चुम्बकीय पदार्थ (Dia-Magnetic Substances):*

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 *प्रति चुम्बकीय पदार्थ वे पदार्थ हैं, जो चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर क्षेत्र की विपरीत दिशा में चुम्बकित हो जाते हैं।* 


*जस्ता, बिस्मथ, ताँबा, चाँदी, सोना, हीरा, नमक, जल आदि प्रति चुम्बकीय पदार्थों के उदाहरण हैं।*


2. *अनुचुम्बकीय पदार्थ (Paramagnetic Substances):*

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*अनुचुम्बकीय पदार्थ वे पदार्थ हैं, जो चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर क्षेत्र की दिशा में थोड़ी सी (एक से कम) चुम्बकीय हो जाते हैं। प्लैटिनम, क्रोमियम, सोडियम, एल्युमिनियम, ऑक्सीजन आदि इसके उदाहरण हैं।*


3. *लौह चुम्बकीय (Ferromagnetic Substances) :*

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*लौह चुम्बकीय पदार्थ वे पदार्थ हैं, जो चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर क्षेत्र की दिशा में प्रबल रूप से चुम्बकित हो जाते हैं।*


 *लोहा, निकेल, कोबाल्ट, इस्पात इसके उदाहरण हैं।*


18.*डोमेन (Domains) :* 

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*लौह चुम्बकीय पदार्थ में प्रत्येक परमाणु ही एक चुम्बक होता है और उनमें असंख्य परमाणुओं के समूह होते  हैं जिन्हें डोमेन कहते हैं।* 


*एक डोमेन में 1018 से 1021 तक परमाणु होते हैं, लौह चुम्बकीय पदार्थों का तीव्र चुम्बकत्व इन डोमेनों के कारण ही होता है।*


19. *क्यूरी ताप (Curie Temperature):* 

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*क्यूरी ताप वह ताप है, जिसके ऊपर पदार्थ अनु चुम्बकीय व जिसके नीचे पदार्थ लौह चुम्बकीय होता है।* 


*लोहा एवं निकेल के लिए क्यूरी ताप के मान क्रमशः 770°C तथा 358°C होता है।*


20.*अस्थायी चुम्बक बनाने के लिए नर्म लोहे का प्रयोग किया जाता है।*


21. *स्थायी चुम्बक बनाने के लिए इस्पात का प्रयोग किया जाता है।*


*> भू-चुम्बकत्व (Terrestrial Magnetism):* 

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*किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र को तीन तत्त्वों द्वारा व्यक्त किया जाता है दिकपात् कोण (angle of declination), नमन कोण (angle of dip) तथा चुम्बकीय क्षेत्र की क्षैतिज घटक (horizontal component of earth's magentic field)*


1. *दिक्पाल कोणः*

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 *किसी स्थान पर भौगोलिक याम्योत्तर तथा चुम्बकीय याम्योत्तर के बीच के कोण को दिक्पाल कोण कहते हैं।*


2. *नमन कोण :*

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 *किसी स्थान पर पृथ्वी का सम्पूर्ण चुम्बकीय क्षेत्र क्षैतिज तल के साथ जितना कोण बनता है, उसे उस स्थान का नमन कोण कहते हैं। पृथ्वी के *ध्रुव पर नमन कोण का मान 90° तथा विषुवत् रेखा पर 0° होता है।*


3. *चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक पृथ्वी के सम्पूर्ण चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक (H) अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग होता है। परन्तु इसका मान लगभग 0.4 गाँस या 0.4 × 104 टेसला होता है।*


नोट : पृथ्वी एक बहुत बड़ा चुम्बक है, *इसका चुम्बकीय क्षेत्र दक्षिण से उत्तर दिशा में विस्तृत होता है।*

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