गुरुवार, 2 मई 2024

Sound

Sound 

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*ध्वनि की चाल (Speed of Sound)*

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1.*विभिन्न माध्यमों में ध्वनि की चाल भिन्न-भिन्न होती है। किसी माध्यम में ध्वनि की चाल (मुख्यतः माध्यम की प्रत्यास्थता तथा घनत्व) पर निर्भर करती है।*


2.*ध्वनि की चाल सबसे अधिक ठोस में, उसके बाद द्रव में और उसके बाद गैस में होती है।*


3.*वायु में ध्वनि की चाल 332 m/s, जल में ध्वनि की चाल 1,483 m/s और लोहे में ध्वनि की चाल 5,130 m/s होती है।*


4.*जब ध्वनि एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती है, तो ध्वनि की चाल एवं तरंगदैर्ध्य बदल जाती है, जबकि आवृत्ति नहीं बदलती है।*


5. *किसी माध्यम में ध्वनि की चाल आवृत्ति पर निर्भर नहीं करती है।*


6.*ध्वनि की चाल पर दाब का प्रभाव ध्वनि की चाल पर दाब का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। अर्थात् दाब घटाने या बढ़ाने पर ध्वनि की चाल अपरिवर्तित रहती है।*


7.*ध्वनि की चाल पर ताप का प्रभाव माध्यम का ताप बढ़ाने पर उसमें ध्वनि की चाल बढ़ जाती है। वायु में प्रति 1°C ताप बढ़ाने पर ध्वनि की चाल 0.61m/s बढ़ जाती है।*


8.*ध्वनि की चाल पर आर्द्रता का प्रभाव नमीयुक्त वायु का घनत्व, शुष्क वायु के घनत्व से कम होता है; अतः शुष्क वायु की अपेक्षा नमी युक्त वायु में ध्वनि की चाल अधिक होती है।*


9. *ध्वनि के लक्षण (Characteristics of Sound): ध्वनि के मुख्यतः तीन लक्षण होते हैं*- 

 *1. प्रबलता* 

 *2. तारत्व* और 

   *3. गुणता ।* 


1. *प्रबलता (Loudness): प्रबलता ध्वनि का अभिलक्षण है जिसके कारण कोई ध्वनि तेज या मंद सुनाई देती है। ध्वनि की प्रबलता स्तर व्यक्त करने का मात्रक फोन है।*


2.*तारत्व (Pitch): तारत्व ध्वनि का वह लक्षण है, जिससे ध्वनि को मोटी (grave) या पतली (shrill) कहा जाता है ! तारत्व आवृत्ति पर निर्भर करता है। ध्वनि की आवृत्ति अधिक होने पर तारत्त्व अधिक होता है, एवं ध्वनि पतली (shrill) होती है। वहीं आवृत्ति कम होने पर तारत्व कम होता है एवं ध्वनि मोटी (grave) होती है।*


3. *गुणता (Quality): ध्वनि का वह लक्षण जिसके कारण हमें समान प्रबलता तथा समान तारत्व की ध्वनियों में अन्तर प्रतीत होता है, गुणता कहलाता है। ध्वनि की गुणता संनादी स्वरों की संख्या, क्रम तथा आपेक्षिक तीव्रता पर निर्भर करती है।*


10.*प्रतिध्वनि सुनने के लिए श्रोता एवं परावर्तक सतह के बीच न्यूनतम दूरी 17 मी (16.6 मीटर) होनी चाहिए।*


11.*ध्वनि की तीव्रता व्यक्त करने वाला मात्रक को बेल (Bel) कहते हैं। बेल एक बड़ा मात्रक है ।अतः व्यवहार में इसे छोटा मात्रक dB (डेसिबल) प्रयुक्त होता है जो बेल का दसवां भाग है।*


12.*मनुष्य की अधिकतम श्रव्यता सीमा 95dB(डेसीबल) है। इससे अधिक तीव्रता की ध्वनि को मनुष्य सुन नहीं सकता है।*


13.*सबसे अधिक ध्वनि की चाल ठोस में (एल्मुनियम 6420 मीटर प्रति सेकंड)*


14.*गैस में, ध्वनि की चाल सबसे कम होती है (कार्बन डाइऑक्साइड 260 मीटर प्रति सेकंड)*

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